मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

यादें

आज आँखें नम है क्योंकि किसी की याद छोड़ दूंगा
आज आँखें खुश हैं क्योंकि कुछ नया करने की कोशिश करूंगा
बीते समय के साथ न बदलूंगा मैं
बदलना है तो वह बुराइयों को बदलूंगा मैं
जिसमें हमने दूसरों की आंखों में आंसू देने के कुछ नहीं किया
नये साल में कुछ बदलाव लाऊंगा मैं, उन आंखों में जो अब तक भूख थी
वह भूख जिसकी उसे जरूरत थी
वह भूख जिसमें एक बच्चे को एक मां की जरूरत थी
नये साल में खुद को बदलूंगा मैं...
अब न कोई बच्चा कुपोषण का शिकार यहीं कामना है मेरी....
अब न हो कोई भू्रण हत्या, न इस जहां में आने से पहले कोई उसे कोख में मारे उसे
यही कामना  है मेरी नये साल में खुद को बदलूंगा मैं...
नया वर्ष मुबारक हो मेरे दोस्तों