एक तरफ़ा प्यार हो
न मिलने की खुशी
न बिछड़ने का गम
जिसमें वसंत भी हो
और पतझड़ भी हो
खुद के आंसू खारे लगे
प्यास लगे तो अहसासों का घूट पीए
हर शाम भी मदहोश करती हो
अहसासों में डूबे #दिल के किनारे
न तुम हो न तुम्हारी यादें
बस एक खालीपन सा हो
जिसमें फिर तुम आ जाओ
चले दोनों सैर पर
और फिर लंबी गप्पे मारें
एक तरफा प्यार हो
बस एक तरफा #प्यार हो
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