गुरुवार, 14 सितंबर 2017

हिंदी खुद को लड़ता पाती है

कौन धरा पर यह किसको भाति है
हिंदी की बिंदी खुद अपना #अस्तित्व बचाती है
जिस #जुबान पर #मॉम से पहले #माँ आती है
ऐसे देश में हिंदी खुद को लड़ता पाती है
#फ़िल्मी #दुनिया हिंदी से ही #मालामाल बनती है
पर इन #फिल्मकारों को हिंदी बोलने में शर्म महसूस होती है
#विद्या धन आलय में जिससे पैसा आये वह #भाषा प्यारी है
#अमेरिका, #जापान, #चीन अपनी #मातृभाषा पर इतराते हैं
इक भारतवासी हैं जो #हिंदीवासी कहलाने में लज्जित महसूस करते हैं
बड़े बड़े #लेख छपे #अखबारों में
हमने आज सुना है हिंदी का भी दिन होता है हिंदी वालों में
गर्व से कहो हम हिंदीवासी हैं