सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

कपोल भीग जाते हैं

कपोल भीग जाते हैं
पर आँख तर नहीं होती
जीने को दौड़ता हूँ
पर दौड़ नहीं होती
सिसकियाँ लेकर सो जाता हूँ
सिसकियों में विवेक नहीं होती