मंगलवार, 21 मार्च 2017

बहाने हजार तलाशता है

बहाने हजार तलाशता है
वह बच्चा बगले झांकता है
कई दिनों से न खाया है
कई रात बिन सोये गुजारा है
गालियों से उसने अपनी भूख मिटाई है
तपती सड़कों पर वह नंगे पैर चला है
वह बच्चा आज पहाड़ का हौसला तोड़ने चला है
पथ पर था जो वह पीछे छोड़ दिया है
वह नया इतिहास लिखने आगे चला है
वह बच्चा आज अपनी जिद पर अड़ा है
बहाने हजार तलाशता है
वह बच्चा बगले झांकता है 

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