तुम्हें आंख में भरके
भर भर के रोये हैं
आंसू में न बह जाओ
संभल के रोये हैं
पलकें हैं कि झपकती नहीं
आंख है कि सोती नहीं
रोती भी है तो तुम्हें याद करके
सोती है तो तुम्हें याद करके
बिन तुम्हारे कोई ख्वाब नहीं है
जो ख्वाब समेटू तो तुम्हीं तुम हो
आंख है हमारी
पुतलियां तुम्हारी हैं
नोट : पुतली मतलब आंख के बीच में काला बिंदु
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