बुधवार, 29 जुलाई 2020

दिल जितनी बार लगाया पहला ही याद आया

मिले नहीं तो क्या हुआ
हम दर्द में जी लेंगे
दर्द कम हुआ तो क्या
बाजार से दर्द खरीद लेंगे
न मिला दर्द वहां तो क्या
दिल लगाके फिर तोड़ लेंगे
सुकून अब दर्द में ही मिलता है
दिल जितनी बार लगाया पहला ही याद आया
न जाने क्या था उनमें
सारा शहर अब वीरान सा लगता है
दर्द भी अब गुजारिश कर रहा है
पहला याद कर ले सुकून आएगा
दर्द भी साया हो गया अपना 
जब से बेगाना हो गया अपना
अब किस बाजार जाउं मैं
दर्द के बाजार भी अब गवाही दे रहे
सोचता हूं फिर दिल लगाउं मैं
सोचता हूं पहले वाले से उभर जाउं मैं


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