रह गई मेरी देहरी पर आते आते
झांककर वो वहीं ठहर गई
थोड़ी सी मुस्कुराई, शरमाई और लौट गई
हमने भी देहरी से और शहर का रास्ता देख लिया
अब जो आएगी देहरी पर तो वो रूआँसु से होके जायेगी
एक टिप्पणी भेजें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें