मंगलवार, 8 नवंबर 2016

बेवकत बेजुबान सा ये दिल मेरा

बहके कदमें
नजरे झुका लिया करते हैं
तेरे दर्दों से
कुछ लम्हे चुरा लिया करते हैं
बेवकत बेजुबान सा ये दिल मेरा
आपसे मिलते ही नजरे चुरा लिया करते हैं
मैं मुजरिम बन जाऊं
तेरी नजरों के कैद खाने का
इसलिये गलतियां तलाश कर लिया करते हैं

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