#हमारी #गली के मोड़ पर वो #मकान आता है
निकलते हैं जब भी उनका #एहतराम आता है
#शर्म से #नज़रे झुका लेते हैं #उनको #देखकर
जब निकलते #वक्त वो अपनी #छत पर आता है
निकलते हैं जब भी उनका #एहतराम आता है
#शर्म से #नज़रे झुका लेते हैं #उनको #देखकर
जब निकलते #वक्त वो अपनी #छत पर आता है
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