शुक्रवार, 16 जून 2017

क्या कभी सोचा है उनकी भी इक ज़िन्दगी होती

कभी सोचा है इक #उम्र ढलने के बाद क्या होता है उनका
वो जो #मज़बूरी में अपना #जिस्म बेचती हैंक्या कभी सोचा है उनकी भी इक ज़िन्दगी होतीकैसे उनको हीं समझा जाने लगता है
कैसे ज़िन्दगी जीती होंगी सोचा है तुमने
बस तुम तो #वासना की आग में जलते रहे हो
जिसने उस आग में दूसरों को जलाया
क्या कभी सोचा है उनकी भी इक ज़िन्दगी होती
बस तुम #लोगों ने वेश्या का नाम देकर उससे जीवन छीन लिया
और इस #दुनिया ने उसे #वेश्या से ज्यादा कुछ नहीं समझा

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