सोमवार, 19 नवंबर 2018

कभी कभी खुद के लिए मुस्कुरा लिया करो


तुम अपनी अच्छाई रख लो
हम अपनी बुराई रख लेते
मिलो तो कुछ दिल की भी बता दिया करो
सारी जलन सिर्फ सिगरेट पर मत निकल दिया करो
अगर मानते हो हमें अपना हमनवी तो हमसे भी कुछ बता दिया करो
माना की हम उनमें नहीं नहीं हो सकते
पर दुश्मन समझ कर ही गरिया दिया करो
अंदर से जो समंदर दबाये बैठे हो
साथ बैठे तो उसे दरिया बना दिया करो
ठीक है तुम्हे हमारी किसी मोड़ पर जरूरत न पड़े
पर एक तिनके की तरह याद तो रख लिया करो
माना तुम्हारे अपने  बहुत से सिद्धांत है
पर कभी सिद्धांतों से हटकर भी चल लिया करो
ये जो सभी की ख़ुशी के खातिर सारा जहर खुद पीते हो
कभी कभी खुद के लिए मुस्कुरा लिया करो

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