बुधवार, 29 जुलाई 2020

दिल जितनी बार लगाया पहला ही याद आया

मिले नहीं तो क्या हुआ
हम दर्द में जी लेंगे
दर्द कम हुआ तो क्या
बाजार से दर्द खरीद लेंगे
न मिला दर्द वहां तो क्या
दिल लगाके फिर तोड़ लेंगे
सुकून अब दर्द में ही मिलता है
दिल जितनी बार लगाया पहला ही याद आया
न जाने क्या था उनमें
सारा शहर अब वीरान सा लगता है
दर्द भी अब गुजारिश कर रहा है
पहला याद कर ले सुकून आएगा
दर्द भी साया हो गया अपना 
जब से बेगाना हो गया अपना
अब किस बाजार जाउं मैं
दर्द के बाजार भी अब गवाही दे रहे
सोचता हूं फिर दिल लगाउं मैं
सोचता हूं पहले वाले से उभर जाउं मैं


रविवार, 26 जुलाई 2020

संभल के रोये हैं

तुम्हें आंख में भरके

भर भर के रोये हैं
आंसू में न बह जाओ
संभल के रोये हैं
पलकें हैं कि झपकती नहीं
आंख है कि सोती नहीं
रोती भी है तो तुम्हें याद करके
सोती है तो तुम्हें याद करके
बिन तुम्हारे कोई ख्वाब नहीं है
जो ख्वाब समेटू तो तुम्हीं तुम हो
आंख है हमारी
पुतलियां तुम्हारी हैं

नोट : पुतली मतलब आंख के बीच में काला बिंदु



गुरुवार, 23 जुलाई 2020

जब तुम आते हो

सुना है देर तक रहते हो
बताओ दिल में करते क्या हो
कुछ पल में मेरे अहसास चुरा लेते हो
और जाते जाते दिल में मीठा दर्द जगा जाते हो
जब तुम आते हो
दिल भी तुम्हारी तरह धड़कता है
बताओ अच्छा ये तड़पाना कहां से सीखा है
चलो अच्छा है इसी बहाने दिल में तो आते हो
प्यार न सही दोस्ती तो निभाते हो
चलो कुछ पल अहसास तो रहता है
जब तुम इस दिल में दस्तक देते हो
ठीक है तुम यूं ही आते रहना
तुम दोस्ती निभाना और हम अपना किया वादा निभाते रहेंगे।


बुधवार, 22 जुलाई 2020

पत्नी जैसा कौन प्यार करता है

उम्रभर कौन साथ रहता है
पत्नी जैसा कौन प्यार करता है
वो खुश होती है तो आंखों से आंसू बहते हैं
गम में हो तो आंसुओं को मुस्कान बना लेती है
पत्नी जैसा प्यार कौन करता है
मेरे गुस्से को अपनी अठखेलियों से छूमंतर कर देती
और जब गुस्से में हो तो चुप सी रहती
पत्नी जैसा प्यार कौन करता है
मैं तो थोड़े काम में थक जाता हूँ
पर वो घर का सारा काम करके नहीं थकती
पत्नी जैसा प्यार कौन करता है
गुस्से में बिन खाये जब घर से जाऊं
मेरे आने तक भूखी रहती
पर पगली घर आने पर मुझसे कहती
खाना खाया आपने
जब उससे पूछते हम
तो मुस्कुराकर कहती हां खाया हमने
उम्रभर कौन साथ रहता है
पत्नी जैसा कौन प्यार करता है