रविवार, 2 दिसंबर 2018

मेरी तनहा ख्वाबों का वो भी एक सिला है


#जिंदगी के सफर का अपना ही मजा
कहीं ख़ुशी तो कहीं ग़मों का सिला है
मिलते मिलते कल तलक जिनसे
वो आज किसी और के गले में पड़ा है
सोच के हमने उसे कुछ और गले लगाया
मेरी तनहा #ख्वाबों का वो भी एक सिला  है
दर्द में ही अब मजा आता है
बिना दर्द के सब सूना सा लगता है

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