बुधवार, 13 जुलाई 2016

ऐ #जिंदगी तू बता दे

है क्या चीज तू
ऐ जिंदगी तू बता दे
कुछ पल साथ चलकर कुछ सिखा दे
राह से भटका मुसफिर हूं
राह पर मुझको लौटा दे
आ के मेरे जख्मों पर
दर्द का मलहम लगा दे
टूट गए जो तेरे सफर में
ऐ जिंदगी उनमें उम्मीद जगा दे
जब थक जाऊं तेरे सफर में
ऐ जिंदगी मुस्कुराकर मुझे सुला देना 

कोई टिप्पणी नहीं: