बुधवार, 13 जुलाई 2016

तेरी #याद ने

तेरी याद ने
       मुझे उस खूंटी तक खींच लाई
जहां वर्षों पहले हमने झोला टांगा था
       झोला उठाके हमने
उसमें से वो किताब निकाली
      जिसमें तुमने गुलाब दबाकर दिया था
गुलाब देखकर
     अन्तस मन से एक ही आवाज निकली
जहां भी रहो बस मुस्कुराती रहे

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