बुधवार, 29 जून 2016

#दुर्योधन अट्टहांस कर #हंस रहा


एक कदम तू चल, एक कदम मैं चलूं हौसला तू भी रख, मै भी रखूं दुनिया में वक्त किसके पास है सबको जल्दी है एक-दूसरे की रोटी छीनने की पड़ी है सियासत के नाम पर सांप्रदायिक दंगे कराए जा रहे जो कल तक चिल्लाते थे एकता और राष्ट्रीयता आज वही हम लोगों में फूट डाल रहे हैं धर्म के नाम पर लोग बांटे जा रहे सियासत का सुख पाने को बाप किसी पार्टी में और बेटा किसी पार्टी में सांतवा वेतन आयोग लग गया और आमजनता आज भी दो रोटी के लिए शोषण का शिकार हो रही लोगों की नजरों में सिर्फ पैसा मायने रखने लगा अब घरों के आंगन में दीवाचलरें खड़ी होने लगी अब हर शहर हस्तिनापुर बनने की तट आ पहुंचा दुर्योधन अट्टहांस कर हंस रहा शकुनि मामा अपना पांसा फेंक रहा अब हर शहर कुरुक्षेत्र बनने की तट पर आ खड़ा हुआ पता नहीं अपना शहर क्या सपने देख रहा पता नहीं अपना शहर क्या सपने देख रहा


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