जिंदगी के पांव में लाख बेड़ियां सही
पर तोड़ने का हौसला तो लाओ
दिनों-दिन अपना विस्तार वो जो करते हैं
मिट जाने का अहसास वो भी करते हैं
छुप-छुपकर वार वो करते जो करते हैं
खुलकर विरोध न करने का इजहार वो करते हैं
थक हारकर आते हैं वो मेरे दर पर
समझौता करने का प्रस्ताव वो रखते हैं
जिंदगी के पांव में लाख बेड़ियां सही
पर तोड़ने का हौसला तो लाओ
पर तोड़ने का हौसला तो लाओ
दिनों-दिन अपना विस्तार वो जो करते हैं
मिट जाने का अहसास वो भी करते हैं
छुप-छुपकर वार वो करते जो करते हैं
खुलकर विरोध न करने का इजहार वो करते हैं
थक हारकर आते हैं वो मेरे दर पर
समझौता करने का प्रस्ताव वो रखते हैं
जिंदगी के पांव में लाख बेड़ियां सही
पर तोड़ने का हौसला तो लाओ
3 टिप्पणियां:
Great Thought
I appreciate you thought to write these lines.
May God help you to be a great writer.
धन्यवाद आपका
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